जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ की 12वीं तारीख को शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी का पर्व पूरे जिले में उत्साह, उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया गया। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की पैदाइश के मौके पर लोहरदगा शहरी क्षेत्र सहित विभिन्न प्रखंडों में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया।
शहरी क्षेत्र में भव्य जुलूस
जुलूस की शुरुआत ऐतिहासिक जामा मस्जिद से हुई। यह जुलूस शहर के बड़ा तालाब, बगड़ू मोड़, टीपू सुल्तान चौक, इमली चौक, सोमवार बाजार, पावरगंज, बाबा मठ, नई सड़क और महात्मा गांधी रोड होते हुए पुनः जामा मस्जिद में पहुंचकर संपन्न हुआ। रास्ते में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों की ओर से जुलूस का फूल-माला, शरबत और मिठाई से स्वागत किया गया।
हजारों की तादाद में शामिल अकीदमंद “रसूल की आमद मरहबा” और “सरकार की आमद मरहबा” के नारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे। गली-गली में खुशियां बिखरीं, मस्जिदों और दरगाहों को सजाया गया और हर तरफ जश्न का माहौल नजर आया।
अमन और भाईचारे का संदेश
जामा मस्जिद में कार्यक्रम के समापन पर इमाम ने कुरआन और हदीस से जुड़े पैगाम सुनाए और जिले, राज्य तथा देश की सुख-शांति व समृद्धि की दुआ की।
अंजुमन इस्लामिया की ओर से कहा गया कि इस्लाम पूरी दुनिया को अमन-चैन, भाईचारे और इंसानियत का पैगाम देता है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कुरीतियों को खत्म कर इंसाफ और समानता की राह दिखाई।
सुरक्षा रही चाक-चौबंद
जुलूस को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। जगह-जगह मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की गई। अधिकारियों ने जुलूस मार्ग पर लगातार गश्त की, जिसके चलते कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।
ग्रामीण इलाकों में भी रहा उल्लास
लोहरदगा शहर ही नहीं, बल्कि जिले के किस्को, कुड़ू, कैरो, भंडरा, सेन्हा और पेशरार प्रखंडों में भी जुलूस-ए-मोहम्मदी का आयोजन धूमधाम से किया गया। गांव-गांव में मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल रहा।