जोहार हिंदुस्तान | पलामू : झारखंड के पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र के केदल जंगल में बुधवार देर रात पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो पुलिस जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल है। शहीदों की पहचान सुनिल राम (गया, बिहार) और संतन मेहता (पलामू, झारखंड) के रूप में हुई है। घायल जवान रोहित कुमार का इलाज मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल, डलटनगंज में चल रहा है।
ऑपरेशन कैसे शुरू हुआ?
खुफिया इनपुट मिला था कि प्रतिबंधित संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) का कुख्यात कमांडर शशिकांत गंझू अपने पैतृक गांव के पास मौजूद है। इस सूचना पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया। देर रात सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने अचानक गोलाबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी मोर्चा लिया। मुठभेड़ करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली।
शहीद जवानों की पृष्ठभूमि
सुनिल राम — मूल रूप से बिहार के गया जिले के रहने वाले। परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
संतन मेहता — पलामू जिले के निवासी। उनके पिता भी पूर्व में पुलिस बल से जुड़े रहे हैं। संतन मेहता अपने गाँव में समाजसेवी गतिविधियों में भी सक्रिय थे।
दोनों जवानों के शहादत की खबर मिलते ही गाँव में मातम पसर गया। ग्रामीणों ने सरकार से शहीद परिवारों को उचित मुआवज़ा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
घायल जवान की स्थिति
घायल रोहित कुमार जिला पुलिस बल में तैनात हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन खतरे से बाहर नहीं कहा जा सकता। उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची एयरलिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है।
TSPC और शशिकांत गंझू कौन हैं?
TSPC झारखंड का सक्रिय नक्सली संगठन है, जो झारखंड जनमुक्ति परिषद से टूटकर बना था। संगठन का मुख्य इलाका पलामू, लातेहार और चतरा जिलों का त्रिकोणीय बेल्ट है। कमांडर शशिकांत गंझू पर हत्या, अपहरण, पुलिस-पिकट हमला और अवैध वसूली जैसे दर्जनों केस दर्ज हैं। उस पर लाखों रुपये का इनाम घोषित है। गंझू गिरोह की सक्रियता से इस इलाके में पुलिस लगातार अभियान चला रही है।
प्रशासन और पुलिस का बयान
पलामू एसपी रीशमा रमेसन ने कहा कि हमारे दो बहादुर जवान शहीद हुए हैं। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। ऑपरेशन जारी है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने शहीद जवानों के परिवारों को सरकारी सम्मान और आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
आगे की कार्रवाई
इलाके में ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद से सर्च ऑपरेशन जारी है।
आसपास के गाँवों में संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
प्रशासन ने ग्रामीणों से सहयोग करने और नक्सलियों के बारे में जानकारी साझा करने की अपील की है।
यह मुठभेड़ झारखंड में नक्सल समस्या के खत्म होने की दिशा में चल रहे अभियान की बड़ी चुनौती को उजागर करती है।