जोहार हिंदुस्तान | रांची : हजारीबाग में चर्चित भूमि घोटाले के मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी की हजारीबाग टीम ने मंगलवार को रांची के धुर्वा स्थित साईं सिटी आवास से विनोद चंद्र झा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें हजारीबाग जेल भेज दिया गया है।
विनोद चंद्र झा हजारीबाग में समाज कल्याण पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उस दौरान हजारीबाग के उपायुक्त (डीसी) के रूप में विनय चौबे पदस्थापित थे। बताया जाता है कि डीसी ने ही विनोद चंद्र झा को खास महल पदाधिकारी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया था। आरोप है कि इसी अवधि में खासमहल की जमीनों में बड़ा घोटाला किया गया था।
इस मामले को लेकर एसीबी ने करीब 18 साल बाद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की है। गिरफ्तारी के साथ ही यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान और भी अधिकारियों या संबंधित लोगों की भूमिका की छानबीन की जाएगी।
पृष्ठभूमि: क्या है खासमहल भूमि विवाद?
खासमहल की जमीनें मूल रूप से सरकारी स्वामित्व की होती हैं। इनका रखरखाव जिला प्रशासन के जिम्मे होता है और जरूरत पड़ने पर इन्हें लीज पर दिया जाता है। नियम के अनुसार, इन जमीनों की खरीद-बिक्री सीधे तौर पर नहीं हो सकती।
लेकिन वर्षों से झारखंड के कई जिलों—खासकर हजारीबाग, रांची और जमशेदपुर—में खासमहल जमीनों पर अनियमित तरीके से आवंटन, खरीद-बिक्री और फर्जी रजिस्ट्री के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। इसी कारण यह मामला हमेशा विवादों और जांच एजेंसियों की नजर में रहा है।
हजारीबाग का यह घोटाला भी उसी श्रृंखला का हिस्सा माना जा रहा है, जहां पदाधिकारियों की मिलीभगत से जमीनों की अवैध बंदरबांट हुई।