जोहार हिंदुस्तान | कटिहार/नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा बिहार में लगातार सुर्खियाँ बटोर रही है। इस यात्रा के दौरान आम आदमी से राहुल गांधी की मुलाकातों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने एक विशेष रणनीति बनाई है।
कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी से मिलने वाले किसी भी शख्स को ईडी, सीबीआई या अन्य किसी जांच एजेंसी के नाम पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी की एक टीम अब इस बात पर नज़र रखेगी कि राहुल गांधी से मिलने वाले लोग सुरक्षित रहें और राजनीतिक दबाव का शिकार न हों।
क्यों बनी यह रणनीति?
दरअसल, यह निर्णय उस दर्दनाक घटना के बाद लिया गया है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा कस्बे में तीन बच्चों जिया, जतिन, और यश ने राहुल गांधी को उत्साह पूर्वक अपना गुल्लक भेंट किया था।
इस छोटी-सी मुलाकात के बाद परिवार अचानक चर्चा में आ गया। लेकिन कुछ ही महीनों बाद उस परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा जब अचानक एक दिन उन बच्चों के माता-पिता मनोज परमार और नेहा परमार का शव घर में फंदे से लटकता हुआ मिला।
आत्महत्या स्थल से मिले पाँच पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा था कि ईडी और कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा लगातार उत्पीड़न और मानसिक दबाव डाला जा रहा था। परिवार ने साफ कहा कि उनकी इस त्रासदी की वजह राजनीतिक दबाव और जांच एजेंसियों की कार्रवाई है।
यह घटना कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक भावनात्मक मोड़ बन गई। राहुल गांधी ने तब साफ कहा था कि.. मैं नहीं चाहता कि मुझसे मिलने वाले किसी भी इंसान को सिर्फ इसलिए टारगेट किया जाए कि वह मुझसे मिला।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना के बाद उन बच्चों को 5 लाख के साथ एक सिंबॉलिक गुल्लक भेंट कर बच्चों के प्रति अपना प्रेम दर्शाया था, साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने खुद उन बच्चों से फोन पर बात की थी।
बिहार में भी वही जुनून
अब जब राहुल गांधी बिहार में “वोटर अधिकार यात्रा” निकाल रहे हैं, तो वहां भी भारत जोड़ो यात्रा जैसा ही माहौल देखने को मिल रहा है। छात्र, शिक्षक, खिलाड़ी, डॉक्टर और अन्य पेशे से जुड़े लोग उत्साह के साथ राहुल गांधी से मिलने पहुँच रहे हैं। कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं तो कुछ अपनी समस्याएँ साझा कर रहे हैं।
राहुल गांधी खुद हर मिलने वाले से आत्मीयता से बात करते हैं और यही कारण है कि लोगों में उन्हें लेकर अलग ही विश्वास झलक रहा है।
कांग्रेस की चिंता और जनता का उत्साह
कांग्रेस चाहती है कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान जो लोग राहुल गांधी से जुड़ें, उन्हें किसी भी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध या एजेंसियों की कार्रवाई का डर न हो।
पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का यह संदेश साफ है.. जनता की आवाज़ सुनना मेरी जिम्मेदारी है, और उनसे मिलने वाला कोई भी नागरिक किसी भी तरह से पीड़ित नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी की यह यात्रा सिर्फ चुनावी अभियान नहीं, बल्कि जनता से सीधा जुड़ाव बनाने की कोशिश है।
बिहार में जिस तरह से आम लोग उनके साथ खड़े दिख रहे हैं, यह साफ संकेत है कि “वोटर अधिकार यात्रा” सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि जन-आंदोलन का रूप ले रही है।