जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली : लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल, 2025 को लेकर राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है। इस बिल में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री अगर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का कड़ा विरोध किया है। ओवैसी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी देश को पुलिस स्टेट बनाना चाहती है।
मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा..
“बीजेपी सरकार इन बिलों के ज़रिए देश को पुलिस स्टेट बनाना चाहती है। हम इसका विरोध करेंगे। सिर्फ आपराधिक आरोपों के बुनियाद पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने का प्रावधान लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ख़तरनाक है।”
ओवैसी ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह बिल विपक्षी नेताओं को डराने और सत्ता से बाहर करने का नया हथियार नहीं है? उन्होंने कहा कि यह विधेयक लोकतांत्रिक भारत की आत्मा पर हमला है और जनता को तय करना चाहिए कि वह ऐसे कानून को स्वीकार करती है या नहीं।