जोहार हिंदुस्तान | इलाहाबाद : पूर्वांचल के किंग माने जाने वाले मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से मिली 2 साल की सजा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही उनकी विधायकी बहाल हो जाएगी और मऊ सदर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव भी नहीं होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से अब्बास अंसारी का राजनीतिक भविष्य फिलहाल सुरक्षित हो गया है। मऊ सीट पर उपचुनाव की संभावना खत्म हो गई है और उनकी विधायकी दोबारा बहाल हो गई है।
हाईकोर्ट का फैसला
जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और अब्बास अंसारी की याचिका को स्वीकार कर लिया। इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी और उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है।
क्या है पूरा मामला?
अब्बास अंसारी पर हेट स्पीच का मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई थी और मऊ सीट पर उपचुनाव की संभावना बन गई थी।
लेकिन अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि अब्बास अंसारी की विधायकी जारी रहेगी।
सुनवाई और फैसला
हाईकोर्ट में अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज (19 अगस्त 2025) कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी।
राजनीतिक हलचल
फैसले के बाद मऊ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। समर्थक इसे “सच्चाई की जीत” बता रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी जश्न का माहौल है। दूसरी ओर, विपक्ष इस फैसले को लेकर अलग-अलग बयानबाजी कर रहा है।