जोहार हिंदुस्तान डेस्क| नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए एक सशक्त और स्पष्ट विज़न पेश किया। अपने संबोधन में उन्होंने देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए तीन अहम संदेश दिए, जिनमें आत्मनिर्भरता, स्वदेशी के प्रति आग्रह और जनसाधारण के हित में कानूनों का सरलीकरण शामिल है।
1. आत्मनिर्भर भारत – निर्भरता से मुक्ति का संकल्प
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें अपनी सोच, विचार और कार्यशैली में बदलाव लाना होगा।
“हमारी निर्भरता समाप्त होनी चाहिए। विचार, सोच, काम और उसकी दिशा—हर क्षेत्र में हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से भी आह्वान किया कि वे अपने जीवन में इस दिशा में सक्रिय योगदान दें।
2. स्वदेशी के प्रति आग्रह – देशी उत्पाद, देशी विचार, देशी व्यवस्था
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की प्रगति के लिए स्वदेशी को अपनाना बेहद जरूरी है।
“स्वदेशी वस्तुएं, स्वदेशी विचारधारा और स्वदेशी व्यवस्था—इन्हें अपनाना हमारा आग्रह होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जब हम अपने देशी संसाधनों और क्षमताओं पर विश्वास करेंगे, तभी भारत नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
3. कानूनों का सरलीकरण – जनता को राहत और विकास की गति
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे सभी पुराने और जटिल कानून जो आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
“एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए कानूनों को सरल बनाना समय की मांग है।”
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों से मिलकर एक नए भारत के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया—एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर, स्वदेशी औ8र प्रगतिशील हो।