जोहार हिंदुस्तान | रामगढ़/झारखंड : झारखंड राज्य पेंशनर समाज, रांची की ओर से सोमवार को झारखंड आंदोलन के महानायक, राज्य निर्माण के पुरोधा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद दिशोम गुरू शिबू सोरेन को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) में जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मौके पर झारखंड राज्य पेंशनर समाज के महासचिव महेश कुमार सिंह ने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में न केवल झारखंड के लिए अलग राज्य का सपना देखा, बल्कि इसके लिए संघर्ष की कठिन राह भी तय की। उनके नेतृत्व, त्याग और बलिदान ने झारखंड की पहचान को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया।
कार्यक्रम में श्रद्धांजलि और स्मृति सम्मान
कार्यक्रम के दौरान पेंशनर समाज के प्रतिनिधिमंडल ने उनके सुपुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिशोम गुरू का चित्र और फलाहार भेंट किया। इस भावपूर्ण क्षण में उपस्थित लोगों ने दिशोम गुरू के सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
इस अवसर पर झारखंड राज्य पेंशनर समाज के राज्याध्यक्ष डा. (श्रीमती) आश्रिता कुजूर, महासचिव महेश कुमार सिंह, वित्त सचिव चन्द्रकान्त सिंह, पिंगल तिर्की, आशीष तिग्गा, पंचानन प्रमाणिक, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुशीला तिग्गा, शान्ता सोरेंग, कार्यकारिणी सदस्य सरिता कुजूर एवं आइलीन तिर्की सहित कई वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे।
झारखंड के लिए दिशोम गुरू का योगदान
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष, त्याग और न्याय के लिए लड़ाई का प्रतीक है। उन्होंने झारखंड की अस्मिता और आदिवासी-मूलवासी अधिकारों की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। राज्य के गठन से लेकर आज तक उनकी सोच और सिद्धांत झारखंडवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
भावुक माहौल में श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि के दौरान माहौल भावुक हो गया। उपस्थित लोगों ने मौन रखकर दिशोम गुरू को याद किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम के अंत में झारखंड के विकास और एकता के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया गया।