जोहार हिंदुस्तान डेस्क | उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में सोमवार को धार्मिक तनाव चरम पर पहुंच गया, जब हिंदू संगठनों से जुड़ी हजारों की भीड़ ने 200 साल पुराने नवाब अब्दुल समद के ऐतिहासिक मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की और पुलिस की मौजूदगी में मजार पर भगवा झंडा फहरा दिया। इस दौरान नारेबाज़ी, पूजा-पाठ और पत्थरबाज़ी भी हुई, जिससे इलाके में भारी तनाव फैल गया।
कैसे भड़का बवाल
मकबरे को सरकारी रिकॉर्ड में ‘मकबरा मंगी’ और राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है। हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां पहले मंदिर था और उसी को पुनर्स्थापित करने की मांग के तहत सोमवार को विशेष पूजा-पाठ का ऐलान किया गया। BJP जिलाध्यक्ष की अगुवाई में भारी संख्या में लोग जुटे।
पुलिस ने रास्ते में बैरीकेड लगाकर भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड तोड़ दिए और सीधे मकबरे तक पहुंच गए। यहां उन्होंने मकबरे के ऊपर चढ़कर मजार को क्षतिग्रस्त किया, कब्र को तोड़ने की कोशिश की और भगवा झंडा फहरा दिया।
प्रशासन में हड़कंप, पुलिस बल तैनात
स्थिति बिगड़ने पर प्रयागराज जोन के ADG मौके पर पहुंचे और आसपास के जिलों से भारी पुलिस बल बुलाया गया। पूरे इलाके को सील कर सुरक्षा बढ़ा दी गई। फिलहाल स्थिति काबू में है, लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
FIR में बड़े नाम शामिल
मामले में पुलिस ने गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। 10 नामजद और 150 अज्ञात उपद्रवियों को आरोपी बनाया गया है।
नामजद आरोपी
धर्मेंद्र सिंह – बजरंग दल
अभिषेक शुक्ला – मंडल प्रभारी, BJP
अजय सिंह – जिला पंचायत सदस्य
देवनाथ धाकड़ – BJP नेता
विनय तिवारी – सभासद
पुष्पराज पटेल – जिला महामंत्री
ऋतिक पाल – सभासद पुत्र, युवा मोर्चा नेता
प्रसून तिवारी – युवा मोर्चा महामंत्री
पप्पू चौहान – समाजवादी पार्टी
(एक अन्य नामजद का विवरण उपलब्ध नहीं है)
बाकी 150 अज्ञात उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस वीडियो फुटेज और सीसीटीवी खंगाल रही है।
पुलिस का सख्त रुख
प्रशासन ने साफ किया है कि सरकारी और संरक्षित संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गंभीर अपराध है। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी और किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।