जोहार हिंदुस्तान | रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी की ओर से रांची के राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उन्हें झारखंड की आत्मा की आवाज़ और दलित-शोषितों का सच्चा प्रतिनिधि बताया गया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय में आयोजित शोक सभा में पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, राष्ट्रीय परिषद सदस्य पी.के. पांडे, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, वरिष्ठ नेता बाबूलाल झा, प्रो. अली अंसारी, इम्तियाज़ खान, मजदूर नेता लालदेव सिंह और सुनील शाह समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
नेताओं ने बताया कि शिबू सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से ही की थी। उनके राजनीतिक गुरु थे शहीद मजरूल हसन खान, जिनके नेतृत्व में गुरुजी ने महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने आगे चलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और झारखंड राज्य के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
सभा में मौजूद वक्ताओं ने कहा..
“शिबू सोरेन झारखंड के अमन, न्याय और अस्मिता की आवाज़ थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की हिफाजत के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में जो रिक्ति आई है, उसकी भरपाई असंभव है।”
शोक सभा में गुरुजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
अंत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने संकल्प लिया कि गुरुजी के अधूरे सपनों — जल, जंगल, जमीन की रक्षा और आदिवासी पहचान की लड़ाई को वे मजबूती से आगे बढ़ाएंगे। यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।