जोहार हिंदुस्तान | गुमला/लोहरदगा : गुमला जिले में अचानक खनन चालान (Mining Challan) की प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने से हज़ारों ट्रक खड़े हो गए हैं और रोज़गार से जुड़े हज़ारों परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
लोहरदगा-गुमला ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कवलजीत सिंह ने गुमला जिला प्रशासन से खनन चालान को अविलंब निर्गत करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि चालान जल्द नहीं जारी किया गया, तो ट्रक मालिकों के साथ साथ मजदूरों और स्थानीय कारोबारियों की स्थिति और बदतर हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
गुमला जिला खनन कार्यालय ने बिना किसी पूर्व सूचना या आधिकारिक नोटिस के जिले की कई बॉक्साइट खदानों का माइनिंग चालान रोक दिया है। इसका सीधा असर ऊपरी पाट क्षेत्र की लगभग आधा दर्जन खदानों पर पड़ा है, जहां 6 दिनों से हज़ारों ट्रक लोड लेकर खड़े हैं।
मानसून के इस सीज़न में पहले ही ट्रकों की ट्रिप संख्या बेहद कम हो गई थी, ऐसे में चालान रोके जाने से ट्रक मालिकों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है।
किसे हो रही है परेशानी?
ट्रक मालिक: चालान बंद होने से ट्रकों का परिचालन ठप है, लेकिन पेपर, ड्राइवर, मेंटेनेंस जैसे खर्च जारी हैं।
ड्राइवर और खलासी: कई दिनों से कोई ट्रिप नहीं मिल रहा, जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
लोडर, अनलोडर और खदान से जुड़े मज़दूर: इनका दैनिक मेहनताना बंद हो गया है।
स्थानीय व्यवसायी: माइंस के आसपास की दुकानों, ढाबों और सेवाओं पर निर्भर रोज़ी-रोटी पर असर पड़ा है।
राजस्व हानि: राज्य सरकार को भी बॉक्साइट निर्यात और खनन शुल्क से मिलने वाले राजस्व में बड़ा नुकसान हो रहा है।
हिंडालको की चुप्पी पर उठे सवाल
गुमला और लोहरदगा क्षेत्र की बॉक्साइट खदानों में खनन का कार्य करने वाली हिंडालको कंपनी भी इस पूरे संकट में पूरी तरह मौन है।
हजारों ट्रक, ड्राइवर और मज़दूर खदान क्षेत्र में फंसे हुए हैं, लेकिन कंपनी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान या सहयोग की पहल नहीं की गई है।
क्या बोले ट्रक ऑनर एसोसिएशन?
ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कवलजीत सिंह ने कहा.. बरसात में ट्रिप वैसे ही बहुत कम है। अब चालान भी बंद हो गया। हजारों ट्रक खड़े हैं, न हम आगे जा सकते, न पीछे। सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, और मज़दूरों के चूल्हे तक ठंडे हो गए हैं। हम प्रशासन से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द माइनिंग चालान जारी किया जाए ताकि जनजीवन सामान्य हो।”
प्रमुख मांगें
गुमला जिला प्रशासन खनन कार्यालय को निर्देशित करे कि
माइनिंग चालान तत्काल प्रभाव से निर्गत किए जाएं।
चालान रोकने के पीछे स्पष्ट कारण और आगे की कार्रवाई पर आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक की जाए।
खनन से जुड़े ट्रकों और श्रमिकों को राहत देने के लिए विशेष त्वरित पहल की जाए।