नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर मानवीय संवेदनाओं की मिसाल बनते नजर आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी उन 22 बच्चों को गोद लेने जा रहे हैं, जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की गोलीबारी में अपने माता-पिता को खो दिया था। जब राजनीति भावनाओं से मिलती है, तब मानवता की सबसे सुंदर तस्वीर उभरती है। राहुल गांधी का यह कदम दिखाता है कि भारत में अभी भी दिलों की राजनीति जिंदा है।
गोलीबारी में उजड़ गए कई परिवार
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की ओर से पुंछ सेक्टर में भारी गोलीबारी की गई थी, जिसमें कई नागरिकों की मौत हो गई और दर्जनों परिवार बर्बाद हो गए। इस गोलीबारी में 22 बच्चे ऐसे हैं जो अनाथ हो गए हैं — किसी ने मां को खोया, किसी ने पिता को, तो किसी ने दोनों को।
राहुल गांधी का भावुक फैसला
राहुल गांधी ने इन बच्चों को गोद लेने का फैसला स्वेच्छा से और मानवीय आधार पर किया है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, देखभाल और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी अब राहुल गांधी उठाएंगे।
यह कदम न केवल राजनीति से ऊपर उठकर लिया गया एक भावुक निर्णय है, बल्कि यह उन सभी के लिए एक संदेश भी है कि राजनीति से इतर भी इंसानियत जिंदा है।
देशभर में मिल रही सराहना
राहुल गांधी के इस फैसले की पूरे देश में सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग इसे एक “राजनेता नहीं, इंसान की पहचान” बता रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने इसे “नई पीढ़ी के लिए उम्मीद की किरण” बताया है।