झारखंड: रामगढ़ जिले में एक बार फिर मोब लिंचिंग की दर्दनाक घटना सामने आई है। आफताब अंसारी, जिन्हें एक मामले में रामगढ़ थाना लाया गया था, कथित रूप से थाने से भागने के क्रम में हिंदुत्ववादी संगठन के सदस्यों द्वारा घेरकर पीट-पीटकर मार डाला गया। घटना के बाद “टाइगर फोर्स” नामक संगठन का नाम सामने आ रहा है। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसने राज्य में आक्रोश और चिंता की लहर पैदा कर दी है।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लोहरदगा जिला कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और अंजुमन इस्लामिया लोहरदगा के पूर्व सदर हाजी शकील अहमद ने इसे रामगढ़ थाना की घोर लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि “इस घटना में सिर्फ थाना प्रभारी को निलंबित करना, मामले को दबाने और लीपापोती करने जैसा है। जब तक दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती, न्याय अधूरा रहेगा।”
मोब लिंचिंग विधेयक को पुनः लाने की मांग
हाजी शकील अहमद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार से मोब लिंचिंग विरोधी विधेयक को झारखंड विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में दोबारा लाने और पारित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि,
“विधेयक राज्यपाल द्वारा वापस कर दिया गया है, लेकिन अब वक्त है कि सरकार दोबारा इसे सदन में लाकर सख्त कानून बनाए।”
मुआवजा और न्याय की अपील
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड में अब तक 60 से अधिक लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सिर्फ 6 मामलों में ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिला है। उन्होंने शेष मामलों में भी त्वरित मुआवजा और न्याय की मांग की।