लोहरदगा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (JHALSA), रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, लोहरदगा के मार्गदर्शन में शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर स्थित सभागार में एक दिवसीय मल्टी स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पॉक्सो मामलों में IO की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण: सिविल जज अभिषेक कुमार
सिविल जज अभिषेक कुमार ने कहा कि पॉक्सो मामलों में जांच पदाधिकारी (IO) की भूमिका निर्णायक होती है क्योंकि पीड़िता की पहली मुलाकात उन्हीं से होती है। IO का व्यवहार केस की दिशा और पीड़िता की मनोस्थिति दोनों को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में चिकित्सक, न्यायालय, लोक अभियोजक, डालसा और अन्य एजेंसियों की भी विशेष भूमिका होती है।
उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि यदि पीड़िता की जांच की सभी प्रक्रियाएं सेंटर पर ही पूरी की जाएं तो इससे उसकी परेशानी काफी कम होगी। साथ ही उन्होंने पीड़िता के पुनर्वास की जरूरत पर भी बल दिया।
राष्ट्रीय स्तर तक जाता है कार्यों का डेटा
जज अभिषेक कुमार ने बताया कि इस तरह के राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में साल भर के कार्यों का डेटा संकलित किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रस्तुत किया जाता है। वहां सर्वोच्च न्यायालय के तत्वावधान में सभी राज्यों के अधिकारी पॉक्सो एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को और प्रभावी बनाने पर विचार करते हैं।
चिकित्सकीय साक्ष्य जल्द जुटाना आवश्यक: डॉ. दीप्ति कुजूर
कार्यशाला में मेडिकल ऑफिसर डॉ. दीप्ति मल्लिका कुजूर ने बताया कि घटना के तुरंत बाद यदि पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए लाया जाता है तो अधिकतम साक्ष्य एकत्र किए जा सकते हैं। देर से लाने पर जरूरी साक्ष्य नष्ट हो सकते हैं, इसलिए पुलिस और परिवारों को तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
FIR और साक्ष्य संकलन की तकनीकी बारीकियां बताई गईं
एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और डिप्टी चीफ एलएडीसीएस ने कार्यशाला में उपस्थित जांच अधिकारियों को पॉक्सो मामलों में FIR दर्ज करने, साक्ष्य संकलन, और विधिक प्रक्रियाओं की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक मजबूत चार्जशीट के लिए सभी प्रक्रियाएं कानूनी रूप से सही होनी चाहिए।
सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछे गए तकनीकी और विधिक सवालों के उत्तर भी विस्तार से दिए गए।
इस कार्यशाला में पॉक्सो (POCSO) मामलों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला में सिविल जज (सीनियर डिविजन टू) सह जेएम प्रथम श्रेणी अभिषेक कुमार, एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुमन कुमार, डिप्टी चीफ एलएडीसीएस नारायण साहू, सदर अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. दीप्ति मल्लिका कुजूर, तथा सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन कुंती साहू समेत कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके अलावा जिले के विभिन्न थानों से प्रतिनिधित्व कर रहे पुलिस अधिकारी, एनजीओ प्रतिनिधि, और अर्ध न्यायिक स्वयंसेवक (PLVs) ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया।
कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ
कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर विभिन्न थानों से आए पुलिस अधिकारी, पीएलवी, और प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को अत्यंत ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया।