रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और मानव तस्कर विरोधी इकाई (AHTU) ने एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुए ऑपरेशन “आहट” के तहत चार नाबालिग बच्चों की तस्करी को विफल कर दिया है। यह कार्रवाई 26 जुलाई को ट्रेन संख्या 13351 एक्सप्रेस में की गई, जो तमिलनाडु के तिरुपुर की ओर जा रही थी।
कैसे हुआ तस्करी का भंडाफोड़?
RPF कमांडेंट श्री पवन कुमार के दिशा-निर्देशन में रांची मंडल की आरपीएफ टीम ने सतर्कता दिखाते हुए कोच S6 में दो वयस्क व्यक्तियों के साथ यात्रा कर रहे चार नाबालिग लड़कों को संदिग्ध अवस्था में पाया। पूछताछ करने पर एक मानव तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ।
बच्चों ने क्या बताया?
नाबालिगों ने बताया कि उन्हें काम का झांसा देकर तमिलनाडु के तिरुपुर ले जाया जा रहा था, जहां उन्हें एक कपड़ा फैक्ट्री में बाल मज़दूरी पर लगाया जाना था। इस रैकेट में शामिल दो व्यक्तियों – रजु अंसारी और आरिश अंसारी – ने स्वीकार किया कि वे ठेकेदार शोभिक कुमार गोप के निर्देश पर बच्चों को काम पर भेज रहे थे। इसके बदले में उन्हें ₹3500 प्रति बच्चा कमीशन (दलाली) मिलनी थी।
सबूत जब्त: मोबाइल, टिकट और पैसे का स्क्रीनशॉट
RPF की एसआई सुनीता तिर्की ने मौके पर ही एक मोबाइल फोन, रेलवे टिकट और ₹3500 की राशि से संबंधित स्क्रीनशॉट जब्त किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों की योजना बद्ध तस्करी की जा रही थी।
कानूनी कार्रवाई और केस हैंडओवर
पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद दोनों आरोपियों को AHTU थाना कोतवाली को सौंप दिया गया। बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सुपुर्द किया गया, जहां उनकी काउंसलिंग की जा रही है।