जोहार हिंदुस्तान | रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। बीजापुर जिले में 103 माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया और समाज की मुख्यधारा में लौट आए। आत्मसमर्पण करने वालों में महिला माओवादी, जन मिलिशिया सदस्य और 49 वांछित नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण की बड़ी कार्रवाई
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लंबे समय से बीजापुर और बासागुड़ा के जंगलों में सक्रिय थे। इनमें से कई बड़े माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे और पुलिस व सुरक्षा बलों के खिलाफ घटनाओं में शामिल रहे।आत्मसमर्पण के दौरान माओवादियों ने 1 करोड़ से अधिक मूल्य के हथियार और गोला-बारूद अधिकारियों के हवाले किए। हथियारों में इंसास राइफल, 12 बोर बंदूक, भरमार बंदूकें, देसी कट्टे, वायरलेस सेट और विस्फोटक सामग्री शामिल हैं।
प्रोत्साहन और पुनर्वास
राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना के तहत सभी माओवादियों को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि का चेक दिया गया। सरकार ने आश्वासन दिया है कि उन्हें रोज़गार, शिक्षा और पुनर्वास से जुड़ी योजनाओं में शामिल कर सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री का बयान
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक बताते हुए कहा हमारी सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने लाल आतंक के भ्रम से भटके लोगों के दिलों में विश्वास का दीप जलाया है। पूना मारगेम अभियान से प्रेरित होकर बीजापुर में कुल 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 49 नक्सली ऐसे भी हैं जिन पर1 करोड़ 6 लाख 30 हजार तक का इनाम घोषित था।
उन्होंने कहा अब तक 1890 से अधिक माओवादी मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं, जो हमारी नीतियों की प्रभावशीलता और जनता के विश्वास का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हमारा संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन कर, आत्मसमर्पित लोगों को सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य दिया जाए।
यह परिवर्तन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है।
स्थानीय लोगों के लिए राहत
ग्रामीणों ने इस आत्मसमर्पण का स्वागत किया है। वर्षों से नक्सली हिंसा के कारण भय और असुरक्षा का माहौल था। अब उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से क्षेत्र में शांति और विकास की नई शुरुआत होगी।
बीजापुर में 103 माओवादियों का आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों और सुरक्षा बलों की रणनीति की बड़ी सफलता है।
यह न केवल बस्तर बल्कि पूरे राज्य में नक्सलवाद के कमजोर पड़ने और शांति की बहाली का संकेत है।